पेंगोंग झील तो झांकी है, अब साफ हो सकती है चीन की असली मंशा
चीन कई हफ्तों से बार-बार कह रहा था कि वह बॉर्डर पर डिसइंगेजमेंट का हिमायती है। इससे यह संदेश जा रहा था कि वह मुद्दे को सुलझाना चाहता है। लेकिन माना जाता है कि चीन ने बातचीत में बनी सहमतियों की धज्जियां उड़ाकर अपने सैकड़ों सैनिकों को पेंगोंग त्सो झील के दक्षिणी छोर की प्रमुख पहाड़ियों पर कब्जा जमाने के लिए भेज दिया।
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