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पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव जीवित होते तो बाबरी फैसले पर जरूर मुस्कुराते!

Babri Demolition Judgement : 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में केंद्र की तरफ से अर्ध-सैनिक बलों की तैनाती नहीं किए जाने से राव पर लगे आरोप को ताकत मिली। लेकिन, एक पक्ष यह भी है कि अगर कारसेवकों के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल करने से न केवल अयोध्या बल्कि पूरे देश में हिंसा का बड़ा खतरा था।

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