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नाक के जरिए कोरोना वैक्‍सीन देने की तैयारी, जानिए क्‍यों और कैसे काम करती है

कोविड-19 के मामले बढ़ने के साथ ही वैक्‍सीन की जरूरत बढ़ती चली गई है। अलग-अलग देशों में 300 से ज्यादा वैक्‍सीन का डेवलपमेंट हो रहा है। इनमें से अधिकतर वैक्‍सीन इंजेक्‍शन की शक्‍ल में दी जाने वाली हैं। हालांकि कुछ वैक्‍सीन ऐसी भी डेवलप की जा रही हैं जिन्‍हें नाक के जरिए शरीर में प्रवेश कराया जा सकता है। इन्‍हें नेजल या इंट्रानेजल वैक्‍सीन कहती है। कोरोना अक्‍सर नाक के जरिए एंट्री करता है। साइंटिस्‍ट्स का तर्क है कि जिन टिश्‍यूज से पैथोजेन का सामना होगा, उन्‍हीं टिश्‍यूज में इम्‍युन रेस्‍पांस ट्रिगर करना असरदार हो सकता है। दूसरा तर्क जो नेजल स्‍प्रे के पक्ष में दिया जाता है कि एक बड़ी आबादी को इंजेक्‍शन लगवाने से डर लगता है। साथ ही इस तरह की वैक्‍सीन को बड़े पैमाने पर प्रोड्यूस करना आसान होता है। आइए जानते हैं इंट्रानेजल वैक्‍सीन के बारे में सबकुछ।

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