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फांसी के दो घंटे बाद भी जिंदा था खूंखार रंगा?

फांस से पहले अकसर कैदियों की हालत खराब होने लगती है। रंगा बिल्ला के मामले में रंगा को ज्यादा खूंखार माना जाता था। यह देखा गया कि उसे फांसी की भी चिंता नहीं थी। फांसी के दो घंटे के बाद भी उसकी नाड़ी में हरकत थी। जबकि बिल्ली हमेशा रोता रहता था और फांसी के वक्त भी रो रहा था।

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